अनार:- अनार का फल मीठा, खट्टा और खट्टा-मीठा होता है। मीठा अनार त्रिदोशनाशक, तृप्तिदायक, वीर्यवर्धक, ग्राही, स्निघ्ध,बुद्धि की वृद्धि करने वाला और बलदायक होती है। यह प्यास, दाह, ज्वर, हृदय रोग तथा मुख की दुर्गन्ध दूर करता है।

रक्तपित्त की वृद्धि करता है, वायु और कफ को मिटाता है। खट्टा-मीठा अनार अमाशय को बलबान बनता है ,रुचिकर होता है, हृदय को आनंद देता है, वात पित्त का नाश करता है।
अमरुद – इसका फल शक्ति और स्फूर्ति देने वाला तथा प्यास मिटाने वाला फल है। अपने आपको सेहतमंद कैसे रखे यह शरीर की गर्मी को मिटाने वाला फल है।

हृदय, मष्तिस्क एवं मेदा को बल प्रदान करता है। यह स्वाद में मधुर ,पाचक तथा कफकारक है। इसको अल्प मात्रा में कहना ठीक रहता है, इससे रक्त और आंतो की शुद्धि हो जाती है।
आँवला – आवला कसैला, आम्ल, कटु, मधुर, शीतल, हल्का त्रिदोषनाशक, केशो के लिए हितकारी और दाह, तृषा, जरा, व्याधि तथा वीर्यदोष शामक रसायन है।

आंवले में सारे रस उपलब्ध हैं। आम्ल और कसाय की प्रधानता How to buildup our health के कारण यह पाचक तथा संग्राहक है। आँवला चाहे हरा हो, सूख हो, मुरब्बे के हो या भुना हुआ हो, जिसे जो पसंद हो, सुलभ हो, वही लिया जा सकता है।
आंवला सप्तधातु का रामबाण है। आँवला अपने शीत, वीर्य के प्रभाव से रक्त को शुद्ध करता है। रक्त के साथ मिश्रित विष और मल को नष्ट करके रक्त को शुद्ध करता है। आँवला हड्डियों के भीतर मज्जा और वीर्याशय में प्रवेश करके शुक्र धातु की शुद्ध है।
नीबू – नीबू गरम ,भारी और खट्टा होता है। यह वात, कफ, मलबन्ध, शूल खासी, वमन, प्यास, आम संबधी दोष, मुँह की विरसता, हृदय की पीड़ा आदि में विनाशक है।

यह खट्टा, वातनाशक, दीपक, पाचक और हल्का होता है। यह कृमियो को नष्ट करने वाला ,पेटदर्द में लाभकारी ,अत्यंत रूचिकर और वात-पित्त।, कफ तथा शूल रोग को मिटने वाला है। इसमें vitamin-c की मात्रता अधिकता पाई जाती है।
नाशपाती – नाशपाती और सेब एक ही जाती के वृक्ष हैं। नासपाती मीठी, हल्की, वात, पित्त-कफ आदि दोषो को नष्ट करने वाली, रुचिकारक तथा शरीर धातुओं को बढाकर स्वस्थ रहने के उपाय बल की वृद्धि करने वाली होती है।

नाशपाती पुराने कब्ज को ठीक करने की क्षमता रखती है। यह हृदय ,मस्तिष्क और अमाशय को बल देती है। जिन male-female में काम का वेग ठंडा पड़ गया हो उन्हें नाशपाती का सेवन अवश्य करना चाहिए। Galleic-acid और Tartrik-acid की मात्रा बहुत अधिक होती है।